ज़िन्दगी में तो सभी प्यार किया करते हैं
मैं तो मर कर भी मेरी जान तुझे चाहूँगा
तू मिला है तो ये एहसास हुआ है मुझको
ये मेरी उम्र मोहब्बत के लिए थोरी है
इक ज़रा सा गम-इ-दौरान का भी हक है जिस पर
मैं ने वो साँस भी तेरे लिए रख छोरी है
तुझ पे हो जाऊंगा कुर्बान तुझे चाहूँगा
अपने जज्बात में नागमत रचाने के लिए
मैं ने धरकन की तरह दिल में बसाया है तुझे
मैं तसव्वुर भी जुदाई का भला कैसे करूँ
मैं ने किस्मत की लकीरों से चुराया है तुझे
प्यार का बन क निगेहबान तुझे चाहूँगा
तेरी हर चाप से जलते हैं ख्यालों में चिराग
जब भी तू आये जगाता हुआ जादू आये
तुझको छू लूँ तो फिर ऐ जन-इ-तमन्ना मुझको
देर तक अपने बदन से तेरी खुशबु आये
तू बहरों का है उन्वान तुझे चाहूँगा
Friday, December 10, 2010
ज़िन्दगी में तो सभी प्यार किया करते हैं
Posted by
Nishant Kumar
at
12:12 AM
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