वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करे
मैं तुझको भूल के जिंदा रहूँ खुदा न करे
रहेगा साथ तेरा प्यार ज़िन्दगी बनकर
ये और बात मेरी ज़िन्दगी वफ़ा न करे
सुना है उसको मोहब्बत दुआएं देती है
जो दिल पे चोट तो खाए मगर गिला न करे
ये ठीक है नहीं मरता कोई जुदाई में
खुदा किसी को किसी से मगर जुदा न करे
Tuesday, December 7, 2010
वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करे
Posted by
Nishant Kumar
at
11:16 PM
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