Friday, December 10, 2010

ज़िन्दगी में तो सभी प्यार किया करते हैं

ज़िन्दगी में तो सभी प्यार किया करते हैं
मैं तो मर कर भी मेरी जान तुझे चाहूँगा

तू मिला है तो ये एहसास हुआ है मुझको
ये मेरी उम्र मोहब्बत के लिए थोरी है
इक ज़रा सा गम-इ-दौरान का भी हक है जिस पर
मैं ने वो साँस भी तेरे लिए रख छोरी है
तुझ पे हो जाऊंगा कुर्बान तुझे चाहूँगा

अपने जज्बात में नागमत रचाने के लिए
मैं ने धरकन की तरह दिल में बसाया है तुझे
मैं तसव्वुर भी जुदाई का भला कैसे करूँ
मैं ने किस्मत की लकीरों से चुराया है तुझे
प्यार का बन क निगेहबान तुझे चाहूँगा

तेरी हर चाप से जलते हैं ख्यालों में चिराग
जब भी तू आये जगाता हुआ जादू आये
तुझको छू लूँ तो फिर ऐ जन-इ-तमन्ना मुझको
देर तक अपने बदन से तेरी खुशबु आये
तू बहरों का है उन्वान तुझे चाहूँगा

0 comments: